शमिताभ,2015 निर्देशन: आर.बाल्की छायांकन: पी.सी. श्रीराम
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जब शोर-शराबा थम जाए
जब मन अपने में रम जाए
ना ज्यादा कोई समझाए
तब बात कहेंगे हम अपनी
चाँद कितना हसीन है ! 1 आधा मुँह ढके मुरझाया पड़ा चाँद हवा गुमसुम उदास रात परेशान जगी-जगी बेटे चाँद को बुखार आया है माँ रात ...
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