शान,1980 निर्देशन: रमेश सिप्पी छायांकन: एस.एम. अनवर
***
कितने
रूप धरे
क्या-क्या
स्वाँग भरे
तब जाकर
तो कुछ पाया है
अब कहते
हो
सब माया
है !
प्रभु !
कैसी यह
तुम्हारी दाया है
!!
कवि की क्लास [ एक सर्वथा काल्पनिक घटना से प्रेरित ] ( एक) हरेक माल सात सौ पचास वे कवि बनाते खासमखास कवि बनो, छपाओ, बँट...
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