आनंद, 1971 निर्देशन: हृषिकेश मुखर्जी छायंकन: जयवंत
पठारे
***
अलग-
अलग मन की
अलग-
अलग दुनिया
मन
रेत
के कण-सा छोटा
मन
समुद्र-सा
विशाल
किसने
तो आकर समझाया है
उड़ती-उड़ती
छाया है
जीवन !
मन, संभल !!
चाँद कितना हसीन है ! 1 आधा मुँह ढके मुरझाया पड़ा चाँद हवा गुमसुम उदास रात परेशान जगी-जगी बेटे चाँद को बुखार आया है माँ रात ...
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