“जाहिल की बातों का जवाब
खामोशी होता है”
ख़ुदा गवाह,1992 निर्देशक: मुकुल आनंद लेखक: संतोष सरोज
***
ज़माने के कहने से
क्या होता है
मैं तो चुप हूँ
अब सोचे ज़माना...
कि
"जाहिल की बातों का जवाब
खामोशी होता है" !!
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