काला पत्थर, 1979 निर्देशन: यश चोपड़ा छायांकन: के जी
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काम अंदर की आग आती है
ताप आँखों का काम आता है
हौसले ही जीतते हैं सारी लड़ाइयाँ
मन से ही दूर होती हैं
दुश्वारियाँ सारी
मैं भी जानता हूँ
और जानते हैं आप !
इन कविताओं को पढ़ते हुये चेतन कश्यप के एक नये रूप से परिचय हुआ। इतनी सूक्ष्मता से ,इतनी संक्षिप्तता से सारी बात कह देने का कौशल ..कमाल है!
इन कविताओं को पढ़ते हुये चेतन कश्यप के एक नये रूप से परिचय हुआ। इतनी सूक्ष्मता से ,इतनी संक्षिप्तता से सारी बात कह देने का कौशल ..कमाल है!
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