रविवार, 8 दिसंबर 2024

अ से अमिताभ : परिप्रेक्ष्य 12


त्रिशूल,1978 निर्देशन: यश चोपड़ा छायांकन: के जी


***

 

      बारूद किए फिरते हैं

      ज़ख्म-आलूद* लिए फिरते हैं

      दरका हुआ मन

      सूखा पड़ा हुआ

 

      इस शोर-शराबे में

      इस मैंके भुलावे में

      एक दूसरे से बेख़बर

      एक दूसरे के ख़िलाफ़

      फिर रहे हैं लोग सब

      भटक रहे हैं

      दर-ब-दर

 

 

 

      *ज़ख्म-आलूद  -- ज़ख्म से भरा/ सना हुआ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें