“अकेले रहने की आदत नहीं पड़ती
दिल तो हमेशा चाहता है कि...
लेकिन चाहने से क्या होता है”
ज़ंजीर,1973 निर्देशक: प्रकाश मेहरा लेखक: सलीम-जावेद
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"अकेले रहने की
आदत नहीं पड़ती
दिल तो हमेशा चाहता है कि...
लेकिन
चाहने से क्या होता है "
भरी भीड़ में तन्हा
अपनों के बीच भी पराया
ऐशो आराम में बेचैन
कभी जिस-तिस का सताया
कि क्या-क्या नहीं हो रहता है इंसान,
ये सोचिएगा तो...
आदत तो किसी भी चीज़ की नहीं पड़ती...!!
मगर होता तो सबकुछ है !!
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