यथास्थिति !
दमित अभिव्यक्ति
शमित ऊर्जा हृदय की
छद्म संस्थागत प्रणाली
गर्त व्यक्तिगत अहं की
सर्वव्यापी विमूढ़ता
सर्वग्रासी अकर्मण्यता
संवेदनहीन संरचना
नीचे गूँगी, ऊपर बहरी
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