उन्नीस-बीस
कभी तुम मेरे आँसू पोछ दो
कभी मैं हाथ थाम के उठा लूँ तुमको
कभी मेरी बेवकूफी पर
ठठा के हँस पड़ो तुम
कभी किसी गल्ती को
हँसी में उड़ा दूँ मैं....
कभी मैं उन्नीस रहूँ, तुम बीस
जो तुम उन्नीस हो कभी, तो मैं बीस
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