दोस्ती
खुशी जाहिर मत करो भले ही
प्यार न जताओ कभी भी
मगर
दुख नहीं बता पाते मुझे 'गर
परेशानी कहते झिझकते हो
कुछ पूछते हुए रुक जाते हो
मुझसे नाराज होते डरते हो
तो
तुम-हम फिर दोस्त नहीं हैं
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