राहत
रात जिस डर के साथ सोया था
सुबह वो डर गायब था
मानो कोई सर पर हाथ रख गया हो सोते में
दिन में घड़ी भर को
तबीअत बेचैन हुई थी, वो भी
संभल गई देखते-देखते
दिनों बाद
आज दिन गुजरा है संयत-सा
लगता है
किसी ने मन्नत मानी है,
दुआ की है मेरे लिए !
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