कितने बचपन
लौटे हैं तुम्हारे साथ --
कुछ बाबा का, कुछ दादी का
कुछ नाना का, कुछ नानी का
कुछ चाचा का, कुछ चाची का
कुछ मौसी का
कुछ मामा का
कुछ तुम्हारी मम्मा का
और न जाने किन-किन का
उन सब का जिनके सामने गए
और कहीं कुछ मेरा भी !
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