एक गुज़ारिश
इस मोड़ के आगे
लोग कहते हैं, जो राह है
वहाँ लोग बदल जाते हैं
हमने कह तो दिया है
'देख लेना
हम भी आते हैं'
मगर अब कहे पर कितना एतबार
तो जब भी तुम्हें लगे,
कि हम बदल रहे हैं
कोई चाल नई चल रहे हैं
जब भूलना आदतों में शुमार होने लगे
तो मेरे दोस्त
तुम्हें हक दोस्ती का निभाना होगा
मुझको मेरा पता बताना होगा
कि
कहीं दूर न निकल जाऊँ
कहीं यूँ ही न खो जाऊँ
उससे पहले ही बताना होगा
हक दोस्ती का निभाना होगा।
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