उदासी
आधा-अधूरा चाँद
कुम्हलाया हुआ
दिखता है
किले की दीवार से सर टिकाए हुए --
ये कोई आईना है
जिसमें मेरा अक्स दिखता है
या ये कोई पाती है
कि जिसमें तुम्हारी खबर आती है !
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