तरावट
शुक्रवार, 7 अगस्त 2020
चित्र : सौजन्य - चिन्मयानंद
तांबई मस्तक
निर्भीक निगाहें
तुम जो सुना चाहो
कह देंगी क्या चाहें...
है फ़ौलाद इरादों में
तुमको बता दें हम
बचपन,
अभी बचपन है
कभी हम भी जवां होंगे
तुम भी देख लेना
हम
कल हो के क्या होंगे !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें