मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

चाँद के बहाने


छत पर चलो
आसमान
देखेंगे बैठ के
बातें करेंगे चाँद से
चौकी पे लेट के
रात की रानी को
लिवा लाएगी हवा
पत्तियाँ चुपचाप से
देंगी कोई सदा
कुछ दूर तक
कुछ देर तक
फिर देखते रहेंगे
बैठे रहेंगे
बस,
यूँही बैठे रहेंगे
ना करेंगे कुछ
ना कुछ कहेंगे
क़ायनात
कहती रहेगी
सुनते रहेंगे हम
कुछ देर
अपने आप से
मिल लेंगे
हम ज़रा...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जी हाँ ! यह बिहार है !

  जी हाँ ! यह बिहार है  !  हर हाथ में अखबार है जिहाँ! जिहाँ! बिहार है !!  जो उड़ा रहा है गरदा छुड़ा रहा बुखार है जिहाँ जिहाँ बिहार है लोग-लो...