सूर्य
उत्तरायण
खुलते जाड़े के बंधन
प्रकृति का नियम है
ऋतुओं का परिवर्तन
यति-गति
जीवन की भी यही है -
परिवर्तन
परिवर्तन !
कवि की क्लास [ एक सर्वथा काल्पनिक घटना से प्रेरित ] ( एक) हरेक माल सात सौ पचास वे कवि बनाते खासमखास कवि बनो, छपाओ, बँट...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें