हिरना भागल जा ता हो
कस्तूरी मिलते नइखे
केतनो जोर लगाव हो
बोझवा त हिलते नइखे
कइसन तोर निसाना हो
गोटिया त पिलते नइखे
खाली सुतले-सुतला हो
घसवो ले छिलते नइखे
पनिया केतना डलब हो
फुलवा सन खिलते नइखे
घाव दरद बड़ देता हो
कोनो ऊ सिलते नइखे
कस्तूरी मिलते नइखे
केतनो जोर लगाव हो
बोझवा त हिलते नइखे
कइसन तोर निसाना हो
गोटिया त पिलते नइखे
खाली सुतले-सुतला हो
घसवो ले छिलते नइखे
पनिया केतना डलब हो
फुलवा सन खिलते नइखे
घाव दरद बड़ देता हो
कोनो ऊ सिलते नइखे
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