तरावट
गुरुवार, 23 जनवरी 2020
शाम की
खिड़की से
डूब गया सूरज
छोड़ परछाइयाँ
गुलाबी-धूसर
यादों के
बक्से में
तहा गया
एक दिन का सफ़ा
किताब ज़िन्दगी की
लिखी जा रही
हर्फ़-ब-हर्फ़
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