पहली बार पूर्णियाँ आना हुआ है । एक ऐतिहासिक शहर । 1770 में बसा हुआ । नगर निगम स्थापित 1864 ।
हरा-भरा शहर । थोड़ी उमस वाला । यानी कि नमी ज्यादा है । यानी कि पानी ज्यादा है थोड़ा वातावरण में । शायद स्वभाव में भी लोगों के । पानी तेज या नरम हो सकता है, वो अलग बात है, पर पानी है जरूर । कदम्ब के ढेर सारे पेड़ । लदे हुए । शायद रसकदम मिठाई का नाम कदम्ब के फल/फूल पर ही रखा गया है । अमलतास, गुलमोहर, बेली, चमेली के फूल । लीची लदे पेड़। भाँग के पौधे जंगली टाइप । जलकुम्भी, मखाना। अपने दरभंगा के दिनों की अनुभूतियाँ जैसे धीरे धीरे पसरने लग गई है मन में ।कोई पैंतीस- चालीस बाद । मन एक सुपर कंप्यूटर । जाने क्या क्या सहेजे हुए है । वैसे भी रेणु की भूमि है, कुछ न कुछ तो घुलेगा ही मन ।
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